चिंतन किसी भी समाज की चेतना को प्रखर करता है और चिंतन की धारा आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती है | हमारा मानना है कि उत्तराखंड में आर्थिक चेतना समाज के एक बड़े तबके तक नहीं पहुँच पाई है जिसका दुष्परिणाम-उद्द्यमशीलता का अभाव, बेरोजगारी, पलायन, सामाजिक विषमता के रूप में हमारे सामने आ रहा है |
उद्द्यमशीलता को विकसित करने वाले तमाम सवालों – क्यों, किसलिए, क्या, कब, कैसे, कौन, किस तरह, कितना, कबतक – का जवाब खोजने के उद्देश्य से हम चिंतन नाम से एक वीडियो श्रृंखला आरम्भ करने जा रहे है | जिसके अंतर्गत किसी एक आर्थिक मुद्दे पर समाज के विचारशील लोगों के विचार को संग्रहित किया जाएगा